दशहरा का संकल्प: अच्छाई की राह पर, सशक्त समाज की ओर
दशहरा केवल रावण पर राम की विजय का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हम सभी के भीतर मौजूद नकारात्मकताओं—अहंकार, ईर्ष्या, क्रोध, और आलस्य—पर आत्मविजय का पर्व भी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्ची शक्ति वह है जो समाज को जोड़ती है, प्रेरित करती है, और उजाले की ओर ले जाती है।
आज जब हम बुराई पर अच्छाई की इस विजय का उत्सव मना रहे हैं, तो आइए एक नई शुरुआत करें—एक ऐसा संकल्प जो सिर्फ हमारे लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए हो।
🌟 हम संकल्प लें कि—
- अपने भीतर की बुराइयों को पहचानें और उन्हें हराएं।
- युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए शिक्षा, अवसर, और मार्गदर्शन उपलब्ध कराएं।
- हर वर्ग, हर समुदाय के साथ एकजुट होकर एक सशक्त, आत्मनिर्भर समाज का निर्माण करें।
हमारा एक छोटा-सा प्रयास किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। दशहरा हमें यह सिखाता है कि अच्छाई की राह कठिन हो सकती है, लेकिन उसका परिणाम सदैव स्थायी और कल्याणकारी होता है।
जय श्री राम! 🙏
बुराई पर अच्छाई की विजय के इस पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।